ईर्ष्या का जहर | दो रानी की कहानी

सुन्दर नगरी में सूर्यप्रताप नामक पराक्रमी राजा हुआ करता था । राजा सूर्यप्रताप की इकलोती रानी थी, जिसका नाम मृगनयनी था । महारानी मृगनयनी बड़ी ही सुशील, सुन्दर और स्वाभिमानी थी । महाराज सूर्यप्रताप महारानी मृगनयनी की सुन्दरता की प्रशंसा करते नहीं थकते थे । एक दिन अचानक एक पड़ोसी राजा ने आक्रमण कर दिया… Continue reading ईर्ष्या का जहर | दो रानी की कहानी

न्यायशील राजा की चतुराई

एक गाँव में आदिनाथ और दीनानाथ नाम के दो किसान रहते थे । दोनों ही किसान घनिष्ट मित्र थे । दोनों अक्सर अपना अनाज लेकर व्यापार के लिए परदेस जाया करते थे । हर साल की तरह इस बार भी दौलतपुर में मेला लगने वाला था । दोनों मित्र अपना – अपना अनाज लेकर मेले… Continue reading न्यायशील राजा की चतुराई

अनोखा प्रेमी | पुरुषार्थ की कहानी

दोपहर का समय था । मध्य आकाश में सूर्य तप रहा था । हवाएं कभी उत्तर से दक्षिण तो कभी पूरब से पश्चिम बह रही थी । ऐसे समय में एक भिखारी दरिद्र नारायण भोलू दर – दर भटक रहा था । टुटा – फूटा कटोरा, फटे हुए कपड़े और बिखरे हुए बाल लिए वह… Continue reading अनोखा प्रेमी | पुरुषार्थ की कहानी

ईश्वर कहाँ है – संत नामदेव का प्रेरक प्रसंग

हमारे देश में संतो की परम्परा रही है कि संत अधिक दिन तक एक स्थान पर नहीं ठहरते है । संत ईश्वर के फरिश्तों के रूप में सभी तक ईश्वर के सन्देश को पहुँचाने का काम करते है । ऐसे ही एक संत हुए है – संत नामदेव । संत नामदेव एक बार एक गाँव… Continue reading ईश्वर कहाँ है – संत नामदेव का प्रेरक प्रसंग

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – तीन कहानियाँ

कथा है । समर्थ गुरु रामदास रामायण लिखते हुए अपने शिष्यों को सुनाते थे । अज्ञात रूप से हनुमानजी भी रामकथा का रसपान करने हेतु आने लगे । एक दिन अशोक वाटिका का प्रसंग था । हनुमान जी भी पुरानी यादों को ताजा होता देख मग्न हो रहे थे । तभी समर्थ गुरु रामदास ने… Continue reading जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – तीन कहानियाँ

मन की पवित्रता अनिवार्य है – Pragya Story

एक दिन एक आचार्य अपने शिष्यों को ब्रह्मचारी के गुण बता रहे थे कि ब्रह्मचारी को हमेशा चाहिए कि स्त्रियों से सावधान रहना चाहिए । अष्ट मैथुन को मन – वचन – कर्म से त्याग देना चाहिए । हमेशा ईश्वर का चिन्तन करना चाहिए । उसके दुसरे दिन आचार्य अपने एक शिष्य के साथ एक… Continue reading मन की पवित्रता अनिवार्य है – Pragya Story

संत की क्षमाशीलता

एक बार एक संत जंगली रास्ते से जा रहे थे तभी कहीं से एक आदमी उनके पीछे – पीछे चलने लगा । वह व्यक्ति संत को भद्दी गालियाँ बक रहा था । लेकिन संत शांत भाव से अपने रास्ते चले जा रहे थे । जंगली रास्ता समाप्त होते ही संत को एक बस्ती दिखाई दी… Continue reading संत की क्षमाशीलता

शिवाजी को बुढ़िया की सीख Moral Story

एक बार शिवाजी युद्ध के दौरान बुरी तरह से थक गये । आस – पास कुछ न देख वह एक वनवासी बुढ़िया के घर में जा घुसे । बहुत भूख लगी थी अतः उन्होंने कुछ खाने के लिए माँगा । सैनिक समझकर बुढ़िया ने उनके लिए प्रेम पूर्वक भात पकाकर एक पत्तल पर परोस दिया… Continue reading शिवाजी को बुढ़िया की सीख Moral Story

शिवाजी की गुरुभक्ति ऐतिहासिक कहानी

समर्थ गुरु रामदास का शिवाजी के प्रति अधिक स्नेह देख उनके अन्य शिष्य सोचते थे कि शिवाजी के राजा होने से गुरु रामदास का उनके प्रति अधिक स्नेह है । आखिर एक दिन समर्थ गुरु ने अपने शिष्यों की इस गलत फहमी को दूर करने का निश्चय किया । एक दिन समर्थ गुरु रामदास अपने… Continue reading शिवाजी की गुरुभक्ति ऐतिहासिक कहानी

छत्रपति शिवाजी की उदारता ऐतिहासिक कहानी

वीर मराठा छत्रपति शिवाजी अपने शत्रुओं को क्षमा दान देने के लिए काफी प्रसिद्ध है । ऐसी ही एक घटना है । एक बार शिवाजी अपने शयनकक्ष में सो रहे थे । रात का समय था । एक चौदह वर्ष का बालक किसी तरह छुपकर उनके शयनकक्ष में जा पहुँचा । वह शिवाजी को मारने… Continue reading छत्रपति शिवाजी की उदारता ऐतिहासिक कहानी